मन का खुशनुमा भाव है सादगी, विचारों का दिलकश रूप है सादगी। मन का खुशनुमा भाव है सादगी, विचारों का दिलकश रूप है सादगी।
अपने ओर निहारने की, आदत जोड़ो।। अपने ओर निहारने की, आदत जोड़ो।।
ठंडी शीतल छाँव में बैठा करते थे गाँव में ठंडी शीतल छाँव में बैठा करते थे गाँव में
संवेदनाओं भरा दिल संवेदनाओं भरा दिल
तू देखे टकटकी लगाए मैं कहूँ सब आँखें झुकाए, बात चलती रही जैसे बहरा है तू भी तू देखे टकटकी लगाए मैं कहूँ सब आँखें झुकाए, बात चलती रही जैसे बहरा ह...
न शिकवा है न फ़रियाद है न कोई किसी से विवाद है, न गुलशन में महक है न भोजन में ही स्वा न शिकवा है न फ़रियाद है न कोई किसी से विवाद है, न गुलशन में महक है न भोज...